माता सीता पर विवादित बयान को लेकर हाल ही में सुर्खियों में आए दृष्टि आईएएस कोचिंग सेंटर ( Drishti IAS ) के संस्थापक और डायरेक्टर डॉ विकास दिव्यकीर्ति ( Vikas Divyakirti ) एक बार फिर चर्चा में हैं। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के अभ्यर्थियों को अपने सरल, सहज और खास अंदाज में पढ़ाने के लिए मशहूर विकास दिव्यकीर्ति ने अपने नाम से एक अलग यूट्यूब चैनल शुरू किया है। 26 नवंबर को संविधान दिवस के दिन लॉन्च किए गए इस चैनल की लोकप्रियता का अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि
महज दो सप्ताह के भीतर इस यूट्यूब चैनल को 1.6 मिलियन यानी 16 लाख से ज्यादा लोग सब्सक्राइब कर चुके हैं। विकास दिव्यकीर्ति ने अपने यूट्यूब चैनल पर पोस्ट की गई पहली वीडियो में बताया है कि दृष्टि आईएएस का यूट्यूब चैनल होते हुए भी उन्होंने अलग से अपने नाम से यूट्यूब चैनल क्यों शुरू किया? इसकी क्या जरूरत थी?
वीडियो के डिस्क्रिप्शन में उन्होंने लिखा है, ‘लंबे समय से आप तमाम साथियों की ओर से यह इच्छा व्यक्त की जा रही थी कि मैं आप सबसे नियमित संवाद करूं और खासकर दर्शन, मनोविज्ञान व पॉलिटी के विषयों पर वीडियो बनाऊं। इसी संदर्भ में आपसे यह साझा करते हुए हर्ष हो रहा है कि संविधान दिवस के अवसर पर मैंने अपने निजी यूट्यूब चैनल ‘Vikas Divyakirti’ की शुरुआत की है। इस परिचयात्मक वीडियो में मैं इस चैनल का उद्देश्य और रूपरेखा साझा कर रहा हूं ताकि आपको इस बात का ठीक-ठीक अनुमान हो सके कि यह प्लेटफॉर्म आपके लिये किस प्रकार उपयोगी हो सकता है!
बताया क्या है अलग यूट्यूब चैनल का उद्देश्य
विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि कुछ वजहों से इसे शुरू करना जरूरी हो गया था। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ सालों में उनके वीडियोज की छोटी छोटी क्लिप ऑनलाइन वर्ल्ड में काफी पॉपुलर हुई हैं। इससे उन्हें वो लोग भी जानने लगे हैं जिनका IAS की परीक्षा से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘आईएएस की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के अलावा बहुत से ऐसे लोग उनसे संपर्क करने लगे जिनका आईएएस से कोई मतलब नहीं है पर वो कहने लगे कि हमें आपको सुनना अच्छा लगता है या इस विषय पर आपके विचार सुने अच्छा लगा, किसी और विषय पर आपके विचार सुनना चाहते हैं। कई लोगों ने फिलॉस्फी खासतौर पर इंडियन फिलॉस्फी के बारे में, साइकोलॉजी के बारे में और बहुत सारे विषयों पर चाहते हैं कि कोई तरीका मिले कि हम सुन सकें, बात कर सकें। अब दृष्टि आईएएस की अपनी एक दुनिया है, वह सिविल सेवा के परीक्षार्थियों के है। आईएएस अभ्यर्थियों के लिए है। हर चीज आईएएस के सिलेबस का हिस्सा नहीं होती तो फिर वहां हर चीज डिस्कस क्यों की जाए। तो उन ऑडियंस के लिए जिन्हें आईएस की तैयारी से मतलब है या नहीं है, उनके लिए मैं सोशल मीडिया की दुनिया में अपना भी एक कोना बना लूं जहां अपनी बात कह सकूं। आईएएस के सिलेबस पर विचार किए बगैर मैं अपने विचार इस चैनल पर रख सकता हूं। यहां मैं उन मुद्दों पर भी बात रख सकता हूं जिन पर मैं पढ़ाते समय अकसर बात करने से बचता हूं। पढ़ाते समय मैं उन्हें उतना ही कहता है जितना उनकी परीक्षा के लिए जरूरी है। लेकिन यहां मैं अपने मन की बात कह सकता हूं।’
विकास दिव्यकीर्ति विवाद के बीच UPSC की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को IAS ऑफिसर ने दी यह सलाह
उन्होंने कहा, ‘इस चैनल पर मैं तटस्थ होकर विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखूंगा ताकि हम सबको विचार विमर्श का मौका मिले। जरूरी होगा तो मैं अन्य व्यक्तियों को भी इस चैनल पर लाऊंगा जो दोनों पक्षों की बात कर सकते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘यहां मैं अपनी बात प्रमाणिक रूप में रख सकता हूं। मुझे यह भय न हो कि चीजें डिस्ट्रॉटेड हैं, डॉक्टर्ड हैं मैन्युफैक्चर्ड है। इस चैनल पर जो भी बात करूंगा वो किसी मामले पर मेरी ऑथेंटिक राय होगी। क्लास में कोई क्लिप काटकर आपको दिखाए तो उसका भरोसा न करें, जो इस चैनल पर बात कहूंगा मैं, उसके लिए मैं पूरी तरह से जिम्मेदार होऊंगा।’
उन्होंने कहा कि इस चैनल पर दर्शनशास्त्र, मनोविज्ञान, साहित्य की गहरी बातों को लोगों को आम और आसान भाषा में समझाया जाएगा।
गौरतलब है कि दृष्टि IAS कोचिंग संस्थान के संचालक डॉ. विकास दिव्यकीर्ति यूपीपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी करने वालों के बीच काफी जाना-पहचाना नाम है। खासतौर पर हिंदी मीडियम से यूपीएससी की तैयारी करने वाले हजारों अभ्यर्थी उन्हें अपना आदर्श मानते हैं। यूट्यूब पर इनके वीडियो को भी भारी संख्या में लोग देखते हैं।
IAS की नौकरी छोड़ कोचिंग की दुनिया में आए
डॉ विकास दिव्यकीर्ति का जन्म हरियाणा के मध्यम वर्गीय परिवार में 26 दिसंबर 1973 को हुआ। उनके माता-पिता दोनों ही हिंदी साहित्य के प्रोफेसर रहे। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीए किया। इसके बाद उन्होंने हिंदी में एमए, एमफिल और फिर पीएचडी की। डी और भारतीय विद्या भवन से अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री भी हासिल की। 1996 में अपने पहले ही प्रयास में UPSC एग्जाम पास कर लिया। वह IAS ऑफिसर बन गए, उनकी तैनाती गृह मंत्रालय में हुई। हालांकि, ऑफिसर के काम-धाम में उनका मन नहीं लगा। महज एक साल बाद ही उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। 1999 में डॉ विकास दिव्यकीर्ति ने दृष्टि IAS कोचिंग इंस्टीट्यूट की नींव रखी।