Saturday, February 22, 2025
Google search engine
HomeLife Styleबहुत ज्यादा गर्मी दिमाग के लिए है बेहद खतरनाक, हो जाती है...

बहुत ज्यादा गर्मी दिमाग के लिए है बेहद खतरनाक, हो जाती है सूजन, फिर…


Extreme Temperature affects Brain: यूरोप और अमेरिका के साथ ही भारत समेत कई एशियाई देशों में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है. हालांकि, भारत के कुछ इलाकों में बीच-बीच हो रही बारिश के कारण लोगों को बढ़ते हुए तापमान से तो राहत मिल जा रही है, लेकिन लोग उमस से बेहाल हो रहे हैं. हम सभी जानते हैं कि बढ़ता हुआ तापमान हमारे स्‍वास्‍थ्‍य पर बुरा असर डाल रहा है. लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि तापमान में लगातार हो रही बढ़ोतरी इंसानी दिमाग के लिए कितनी खतरनाक साबित हो सकती है? शोधकर्ताओं के मुताबिक, बहुत ज्‍यादा गर्मी का दिमाग पर सीधा और प्रत्‍यक्ष असर पड़ता है.

यूरोप, अमेरिका और एशिया के चीन में बहुत ज्‍यादा गर्मी पड़ने के कारण लोगों को चेतावनी जारी कर दी गई है. लोगों को हरसंभव तरीके से हर मुसीबत के लिए तैयार रहने को कह दिया गया है. सबसे पहले समझते हैं कि बढ़ता हुआ तापमान हमारे लिए कब मुसीबत बनना शुरू हो जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक, जब हमारा शरीर तमाम कोशिशों के बाद भी खुद को ठंडा रखने के लिए संघर्ष करनने लगता है तो ज्‍यादा गर्मी तनाव का कारण बनने लगती है. ऐसा होने पर हमें कई तरह की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं होना शुरू हो जाती हैं. कई बार भीषण गर्मी का तनाव इस कदर बढ़ जाता है कि लोग खुले में काम करते समय या चलते-चलते बेहोश होकर गिर पड़ते हैं.

ये भी पढ़ें – कैसे कुछ लोग बहुत कम नींद के बाद भी एकदम फ्रेश और फिट महसूस करते हैं

ज्‍यादा गर्मी में दिमाग की सुरक्षा परत टूटने लगती है
विशेषज्ञों का कहना है कि शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने और पसीना निकालकर शरीर को ठंडा करने में दिमाग की अहम भूमिका होती है. डिस्कवर मैगजीन की रिपोर्ट के मुताबिक, तापमान बहुत ज्‍यादा बढ़ने पर दिमाग के चारों ओर मौजूद सुरक्षा परत ब्लड-ब्रेन बैरियर टूटना शुरू हो सकती है. इससे दिमाग में प्रोटीन और आयन जैसे पदार्थ जमा होने लगते हैं. इससे दिमाग में सूजन होना शुरू हो जाती है. नतीजतन दिमाग सामान्‍य तरीके से कम करने में संघर्ष करने लगता है. इससे दिमाग में अतिरिक्‍त प्रोटीन भी जमा होने लगता है. इस वजह से दिमाग में कोशिकाएं मरनी शुरू हो सकती हैं. अगर ऐसा हुआ तो ये आपकी सेहत के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है.

गर्मी के कारण दिमाग में सूजन होने से हमारा मस्तिष्‍क सामान्‍य तरीके से काम करने में संघर्ष करने लगता है.

तापमान संतुलन बिगड़ने से दिमाग पर होता है असर
बढ़ते हुए तापमान से निपटने और खुद को ठंडा रखने के लिए शरीर पसीना निकालता है. ज्‍यादा तापमान में शरीर ज्यादा पसीना निकालेगा और पानी की कमी हो सकती है. इससे शरीर का तापमान संतुलन बिगड़ सकता है. अब ऐसे में अगर आप सामान्‍य से ज्‍यादा पानी नहीं पीते हैं तो फिर दिमाग पर असर पड़ सकता है. शरीर में पानी की कमी होने से दिमाग की काम करने की क्षमता पर काफी बुरा असर पड़ सकता है. कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ज्‍यादा गर्मी में जब हमारी त्‍वचा का सूरज से आने वाली यूवी किरणों से ज्‍यादा संपर्क होता है तो सनबर्न की समस्‍या होने लगती है. अगर ऐसा बार-बार होता है तो स्किन कैंसर की आशंका बढ़ जाती है.

ये भी पढ़ें – यमुना नदी उफान पर, फिर भी ताजमहल नहीं होता टस से मस, क्‍या है माजरा

ज्‍यादा गर्मी के कारण कैंसर के जोखिम में बढ़ोतरी
बहुत ज्‍यादा गर्मी में बार-बार सनबर्न होने पर डीएनए क्षति के कारण कोशिकाएं अनियंत्रित हो सकती हैं. इससे कैसर की आशंका बढ़ जाती है. ज्‍यादा गर्मी में श्‍वसन तंत्र से जुड़ी कई तरह की समस्‍याएं भी हो सकती हैं. दरअसल, ज्‍यादा गर्म मौसम के कारण वातावरण में मौजूद हवा की गुणवत्‍ता पर भी बुरा असर पड़ता है. दरअसल, ग्राउंड लेवल ओजोन ज्‍यादा गर्मी में फेफड़ों के काम करने की क्षमता पर बुरा असर डालती है. इससे अस्‍थमा जैसे रोगों को बढ़ावा मिलता है. बता दें कि ग्राउंड लेवल ओजोन सूर्य की रोशनी पर प्रतिक्रिया करने वाले प्रदूषकों से बनने वाली हानिकारक गैस होती है.

ये भी पढ़ें – विज्ञान ने सुलझाई पहेली, मौत से पहले शरीर में दिखते हैं ये लक्षण, आसानी से हो सकती है पहचान

हृदय पर भी बढ़ते तापमान का होता है बुरा असर
डॉक्‍टर्स के मुताबिक, ज्‍यादा गर्मी बढ़ने के कारण हमारी रक्‍त वाहिकाएं फैल जाती हैं. इससे लो ब्‍लड प्रेशर की समस्‍या पैदा हो सकती है. लो ब्‍लड प्रेशर की स्थिति में आपको चक्‍कर आ सकते हैं, तबीयत घबराने लगती है. यहां तक कि आप बेहोश भी हो सकते हैं. ब्‍लड प्रेशर कम होने की स्थिति में आपके हृदय पर ज्‍यादा भार पड़ता है, क्‍योंकि उसे हर धड़कन ज्‍यादा ब्‍लड पंप करके इसकी भरपाई करनी पड़ती है. ऐसे में आपकी हार्टबीट बढ़ सकती है. ये भी घबराहट का कारण बन सकती है.

Extreme heat, heat dangerous for human brain, protein of brain, Brain Protein freezes due to heat, health news, Knowledge News in Hindi, Increasing Temperature, Global Warming, UV Rays, Sun, Brain Swelling, drink water, water intake, brain cells

बहुत ज्‍यादा गर्मी का हमारे दिल और फेफड़ों पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है.

हीट स्‍ट्रोक का बढ़ जाता है जोखिम, जा सकती है जान
बहुत ज्‍यादा गर्मी के कारण हर साल सैकड़ों लोगों की मौत होने की जानकारी सामने आती है. दरअसल, बहुत ज्‍यादा गर्मी में हीटस्‍ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. डिहाइड्रेशन या हीट स्‍ट्रोक होने पर हमारे शरीर का तापमान 103 डिग्री फारेनहाइट से ऊपर पहुंच जाता है. हमारी नब्‍ज काफी तेज हो जाती है. यही नहीं, त्‍वचा पर लाल चकत्‍ते पड़ने लगते हैं. सिर में दर्द, भ्रम की स्थिति बनने लगती है और खीझ होने लगती है. इसके अलावा हीटस्‍ट्रोक का शिकार होने पर बोलने में परेशानी, बेहोशी, ज्‍यादा पसीना और मांसपेशियों में खिंचाव की परेशानी भी हो सकती है.

Tags: Brain science, Health News, Heat stress, Heatwave, Temperature



Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments