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यूपी से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को समाजवादी पार्टी के एजेंडा पीडीए को नया नाम दिया था। उन्होंने पीडीए को परिवार डेवलमेंट अथॉरिटी कहा था। अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी को नया नाम दिया है। उन्होंने बीजेपी को बिचौलिया जननी पार्टी के नाम से पुकारा है। अखिलेश ने पीएम विश्वकर्मा योजना में भ्रष्टाचार और दलाली का आरोप बीजेपी पर लगाते हुए उसे नए नाम से संबोधित किया है। अखिलेश ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि बीजेपी राजनीतिक दल ही रहे, कम-से-कम खुलेआम तो ‘बिचौलिया जननी पार्टी’ न बने।
विधानसभा सत्र के छठे दिन गुरुवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सीएम योगी ने अखिलेश यादव के मुख्य एजेंडा पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) को लेकर जमकर निशाना साधा था। सीएम योगी ने पीडीए को परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी बताते हुए यहां तक कह दिया कि इनके परिवार में सबलोग हैं लेकिन चच्चू (शिवपाल यादव) नहीं हैं। लोकसभा प्रत्याशियों की घोषणा की ओर इशारा करते हुए कहा था कि उसमें परिवार के तीन लोगों के नाम हैं लेकिन चच्चू का नाम नहीं है।
शुक्रवार को अखिलेश यादव ने सीएम योगी के वार पर ही पलटवार किया है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि कारीगर व शिल्पकार पूछ रहे हैं कि ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ भारत सरकार की है या भाजपा की। ‘विश्वकर्मा योजना’ के पात्रों के चयन में भाजपाइयों की भूमिका पूरी तरह से अवैधानिक है। कारीगर व शिल्पकार मान रहे हैं दरअसल ये योजना भी भाजपा के भ्रष्टाचार की शिकार हो जाएगी। सच में ये योजना भ्रष्ट अधिकारियों के अलावा बिचौलियों के रूप में भाजपाई कमीशनख़ोरों की एक और नई फसल तैयार करेगी। इस खुलासे के बाद कारीगरों व शिल्पकारों में भारी रोष व आक्रोश है। अखिलेश ने आगे लिखा कि कारीगरों व शिल्पकारों की आवाज़ सुनने के लिए सरकार में कहीं कोई ईमानदार है क्या? बीजेपी राजनीतिक दल ही रहे, कम-से-कम खुलेआम तो ‘बिचौलिया जननी पार्टी’ न बने।