Saturday, December 21, 2024
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बिहार में ठंड का प्रकोप, तबीयत बिगड़ी तो छात्र को भेजा घर, हो गई मौत


Muzaffarpur:

बिहार में शीतलहर और ठंड ने आम जनजीवन अस्त-व्यस्त कर रखा है. भीषण ठंड ने फिलहाल राहत मिलने की उम्मीद नहीं जताई जा रही है. वहीं, इस बीच भीषण ठंड से एक छात्र की मौत ने हर किसी को हैरान कर दिया है. दरअसल, मुजफ्फरपुर से यह खबर आ रही है, जहां ठंड की वजह से स्कूली छात्र की मौत हो गई. वहीं, ठंड की वजह से एक बच्ची बेहोश होकर गिर गई. बता दें कि मामला मुजफ्फरपुर के बोचहां प्रखंड का बताया जा रहा है, जहां उच्च मध्य विद्यालय राघो मझौली के कक्षा छठी के छात्र मो कुर्बान की ठंड की वजह से अचानक तबीयत बिगड़ गई, जैसे ही बच्चे की तबीयत बिगड़ी शिक्षकों ने उसे घर भेज दिया. घर जाने के बाद परिजन बच्चे को लेकर डॉक्टर के पास जाने लगे, लेकिन रास्ते में ही बच्चे ने दम तोड़ दिया. छात्र के मौत के बाद से घर में कोहराम मच गया है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

ठंड से गई छात्र की जान

इस घटना के बाद से परिजनों में भी आक्रोश देखा जा रहा है. उनका कहना है कि इस भीषण ठंड और शीतलहर में भी बच्चों को स्कूल बुलाया जा रहा है, जबकि घर से बाहर तक निकलना मुश्किल हो गया है. ऐसे में बच्चे स्कूल जाते हैं तो तबीयत और भी खराब हो जाती है. आपको बता दें कि ठंड की छुट्टियों की वजह से ही शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक और पटना जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह के बीच विवाद चल रहा है. अपनी छुट्टी से वापस लौटते ही केके पाठक ने सभी स्कूलों को खोलने के आदेश जारी कर दिए इसके साथ ही यह भी कहा कि कि बिना शिक्षा विभाग की अनुमति के स्कूलों को बंद करने का निर्देश जारी ना किया जाए. 

ACS और पटना डीएम आमने-सामने

केके पाठक के आदेश के बाद भी पटना में स्कूलों को बंद रखा गया. जिसके बाद शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद सिंह ने 22 जनवरी को पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर कहा था कि एसीएस के निर्देश के अनुसार जिला शिक्षा पदाधिकारी को यह निर्देश दिया गया है कि जिले के सभी स्कूलों को खोल दिया जाए. जिस पर अब पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी. इसके बारे में चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि स्कूलों को बंद करने के लिए विभागीय अनुमति लेने का प्रावधान नहीं है और ना ही इसे किसी गैर न्यायिक आदेश या पत्र से बदला जा सकता है. इस आदेश की सिर्फ सक्षम न्यायालय ही समीक्षा कर सकता है और इस तरह से माध्यमिक शिक्षा निदेशक का पत्र विधि के विरुद्ध है. यह जवाब माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद को पत्र लिखकर दिया गया. 



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