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Bihar Shikshak Counselling : बीआरएबीयू के देरी से परीक्षा लेने के कारण शिक्षक काउंसिलिंग में अभ्यर्थी फंस रहे हैं। बिहार विश्वविद्यालय में पीजी सत्र 2018-20 की अंतिम परीक्षा वर्ष 2022 में हुई। इस दौरान कई छात्रों ने सत्र 2021-23 में बीएड में दाखिला लिया और परीक्षा पास की। ऐसे अभ्यर्थी जब अपना बीएड का सर्टिफिकेट 2021-23 का दिखा रहे हैं तो काउंसिलिंग में सर्टिफिकेट पर संदेह किया जा रहा है। काउंसिलिंग कराने आई एक छात्रा ने बताया कि उसने बिहार विश्वविद्यालय में पीजी सत्र 2018-20 में संस्कृत विषय में दाखिला लिया था। विश्वविद्यालय की तरफ से उसे 19 जून 2022 को अंक पत्र मिला। इससे पहले उसने बीएड कॉलेज में सत्र 2021-23 में दाखिला ले लिया। जब वह काउंसिलिंग कराने पहुंची तो कहा गया कि उसने एक रेगुलर कोर्स करते हुए दूसरे रेगुलर कोर्स में दाखिला कैसे ले लिया। इस पर छात्रा ने बताया कि उसका सत्र 2020 था। उसने एक वर्ष बाद दाखिला लिया है, लेकिन उसके सर्टिफिकेट पर संदेह किया जाता रहा।
बिहार विश्वविद्यालय से जुड़े शिक्षकों का कहना है कि देर से परीक्षा लेना विश्वविद्यालय की लापरवाही है, इसमें किसी भी छात्र का दोष नहीं है। ऐसे छात्रों को दो नियमित कोर्स नहीं जोड़ा जा सकता है। परीक्षा नियंत्रक प्रो. टीके डे ने बताया कि बीपीएससी शिक्षक काउंसिलिंग में सिर्फ वाटर मार्क वाले सर्टिफिकेट ही जांचे जा रहे हैं, इसलिए छात्र सर्टिफिकेट को लेकर परेशान न हों।
उधर , जिले में चल रही द्वितीय चरण की शिक्षक भर्ती से 9वीं और 10वीं कक्षा के लिए काउंसिलिंग में मूल एडमिट कार्ड की जगह फोटो कॉपी लाने पर अभ्यर्थियों को लौटा दिया गया। बुधवार को डीईओ ने बताया कि छठी से 8वीं के साथ नौवीं और 10वीं की काउंसिलिंग भी शुरू हो गई है। 6वीं से 8वीं तक की काउंसिलिंग में कई अभ्यर्थियों का सीटेट का सर्टिफिकेट बिना वाटर मार्क का मिला। ऐसे अभ्यर्थियों के सीटेट सर्टिफिकेट को अलग रखा गया है। उनके रोल नंबर से शिक्षा विभाग सीटेट सर्टिफिकेट की जांच करेगा। जांच के बाद ही इन अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग कराई जायेगी। 6वीं से 8वीं कक्षा तक के शिक्षकों की काउंसिलिंग भी बुधवार से शुरू हो गई है।
BPSC TRE Shikshak Niyukti : काउंसिलिंग में अव्यस्था से कई शिक्षक अभ्यर्थी हुए बेहोश