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यूपी के प्राइमरी स्कूलों से लेकर उच्च शिक्षण संस्थानों तक शिक्षकों व अनुदेशकों की भर्ती किस तरह से होगी, इसके तौर तरीके क्या होंगे, इसे लेकर उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग ने नियमावली तय कर दी है। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को मर्ज कर बना यह नया आयोग ही अब विभिन्न स्तर पर शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन लेगा। डिग्री कॉलेजों में प्राचार्य व असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर चयन लिखित परीक्षा व साक्षात्कार के आधार पर होगा।
डिग्री कालेजों में प्रचार्यों की भर्ती में लिखित परीक्षा साक्षात्कार और शैक्षिक प्रदर्शन सूचक (एपीआइ) के अंक जोड़कर चयनित अभ्यर्थियों की मेरिट तैयार की जाएगी।
शिक्षकों की भर्ती
अब अध्यापक व अनुदेशकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। लिखित परीक्षा दो घंटे की वस्तुनिष्ठ आधार पर होगी। 90 प्रतिशत अंक लिखित परीक्षा के और 10 प्रतिशत अंक साक्षात्कार के जोड़कर मेरिट सूची बनाई जाएगी। पारदर्शिता के लिए साक्षात्कार में न्यूनतम 40 प्रतिशत व अधिकतम 90 प्रतिशत तक अंक दिए जा सकेंगे। जहां साक्षात्कार नहीं होगा वहां लिखित परीक्षा के अंकों के आधार पर ही भर्ती की जाएगी। पहले शैक्षिक गुणांक में हाईस्कूल इंटरमीडिएट स्नातक और बीएड व बीटीसी के अंक जोड़े जाते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
नई नियमावली में कहा गया है कि यदि तीन वर्ष के अंदर विज्ञापित पदों के सापेक्ष चयन प्रक्रिया नहीं शुरू होती है तो आयोग संबंधित विज्ञापन को निरस्त कर सकता है। आयोग को नया विज्ञापन जारी करने का अधिकार होगा।