हाइलाइट्स
डेंगू के मरीजों को एंटीबायोटिक दवाएं लेने से बचना चाहिए.
डेंगू में प्लेटलेट्स कम होने पर ब्लीडिंग का जोखिम बढ़ जाता है.
Simple Tips To Treat Dengue: डेंगू का कहर इन दिनों तेजी से फैल रहा है. बरसात के मौसम में मच्छरों की वजह से डेंगू तेजी से फैलता है. यह एक वायरल बुखार है, जो संक्रमित मच्छर के काटने से इंसानों में फैलता है. डेंगू होने पर लोगों को तेज बुखार आता है और शरीर में असहनीय दर्द होता है. डेंगू फीवर में लोगों के शरीर में प्लेटलेट्स की कमी होने लगती है. यह एक गंभीर परेशानी है और इसका वक्त रहते इलाज कराना बेहद जरूरी होता है. डेंगू होने पर लापरवाही करने से मौत भी हो सकती है. डेंगू को हल्के में लेना और इसके लक्षणों को नजरअंदाज करना जानलेवा हो सकता है. अब सवाल उठता है कि डेंगू होने पर लोगों को कौन सी दवा लेनी चाहिए और इस बुखार का सही ट्रीटमेंट क्या है. किस तरह प्लेटलेट्स को कम होने से रोका जा सकता है और किस तरह इस समस्या से निजात पाई जा सकती है. इन सभी सवालों के जवाब डॉक्टर से जान लेते हैं.
नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल की सीनियर फिजीशियन डॉ. सोनिया रावत के मुताबिक डेंगू वायरल फीवर है, जो उत्तर-भारत में सितंबर-अक्टूबर के महीने में सबसे ज्यादा फैलता है. बरसात के बाद इसका खतरा ज्यादा होता है. डेंगू फीवर संक्रमित एडीज एजेप्टी मच्छर के काटने से लोगों में फैलता है. डेंगू के लक्षण मच्छर काटने के 4-10 दिनों बाद नजर आते हैं. डेंगू की चपेट में आने पर लोगों को तेज बुखार और बॉडी पेन के साथ अत्यधिक कमजोरी महसूस होने लगती है. इसके साथ ही उनके ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से कम होने लगती है. इससे शरीर में इंटरनल ब्लीडिंग का जोखिम बढ़ जाता है. डेंगू की पहचान ब्लड टेस्ट के जरिए की जा सकती है. अगर किसी व्यक्ति को बुखार आ रहा है और 2-3 दिनों तक बुखार ठीक नहीं हो रहा है, तो उसे डेंगू का टेस्ट करवा लेना चाहिए. डेंगू के इलाज में देरी करने से मौत का खतरा बढ़ जाता है.
क्या है डेंगू का परफेक्ट ट्रीटमेंट?
डॉ. सोनिया रावत की मानें तो डेंगू एक वायरल फीवर है और इसे रोकने के लिए सिर्फ पैरासिटामोल टैबलेट ही लेनी चाहिए. लोग अपने वजन के अनुसार दिन में 3 से 4 बार पैरासिटामोल टैबलेट ले सकते हैं. पैरासिटामोल की डोज 15 mg प्रति किलो वजन के अनुसार लेनी चाहिए. मान लीजिए किसी मरीज का वजन 60 किलो है, तो वह शख्स एक दिन में 900 mg तक की खुराक ले सकता है. हालांकि इसकी ओवरडोज लेने से बचना चाहिए. डेंगू एकमात्र ऐसी दवा है, जिसे लेने से डेंगू में फायदा मिलता है. डेंगू के मरीजों को एंटीबायोटिक दवाएं भूलकर भी नहीं लेनी चाहिए, वरना उनकी कंडीशन बिगड़ सकती है. अगर आप डेंगू होने पर अपने बुखार को कंट्रोल कर पाए, तो प्लेटलेट्स को कम होने से बचाया जा सकता है और रिकवरी में मदद मिल सकती है. बुखार कंट्रोल करने के लिए पैरासिटामोल ही सबसे कारगर दवा है. डेंगू के करीब 90 फीसदी मामलों में इस दवा के जरिए मरीजों का इलाज किया जाता है. बाकी 10 फीसदी केसेस में मरीज की कंडीशन के अनुसार इलाज किया जाता है.
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डेंगू से तेजी से कैसे करें रिकवर?
डॉ. सोनिया रावत कहती हैं कि डेंगू के मरीजों को खूब पानी पीना चाहिए और लिक्विड डाइट लेनी चाहिए. ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए. अपनी शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने वाली लिक्विड चीजें लेनी चाहिए. अगर आप हेल्दी चीजों का सेवन करेंगे, तो उससे प्लेटलेट्स को मेंटेन करने में मदद मिलती है. इसके अलावा तीसरी सबसे जरूरी बात यह है कि डेंगू के मरीजों को रोज अपना ब्लड टेस्ट करवाकर प्लेटलेट्स को मॉनिटर करना चाहिए. अगर आपका प्लेटलेट काउंट लगातार घट रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. डायबिटीज, एड्स, ब्लड प्रेशर और अन्य गंभीर बीमारियों वाले लोगों को डेंगू होने पर खास ख्याल रखना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए. ऐसे लोगों के लिए डेंगू जानलेवा हो सकता है.
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FIRST PUBLISHED : September 05, 2023, 11:08 IST