किसी भी खिलाड़ी को अपने देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए भुगतान किया जाता है, लेकिन हॉकी विश्व कप 2023 में एक ऐसी टीम भी उतरने वाली है, जिसके खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम में खेलने के लिए पैसे देते हैं। ऐसे खिलाड़ी हैं, वेल्स टीम के जो अपने देश के लिए खेलने के लिए हर साल 1 हजार पाउंड (करीब एक लाख रुपये) देते हैं।
वेल्स की टीम भारत में एफआईएच मेंस विश्व कप में पदार्पण कर रही है और भारत तक की यात्रा उनके लिए इतनी आसान नहीं रही है, क्योंकि टीम को मेजबान देश के दो शहरों में ‘उड़ान, ठहरने और खाने-पीने’ के लिए ‘क्राउड फंडिंग’ (जनता से जुटायी गयी राशि) पर निर्भर रहना पड़ा, जिससे 25,000 पाउंड जुटाए गए।
वेल्स के मुख्य कोच डेनियल न्यूकांबे ने इंग्लैंड के खिलाफ टीम के शुरूआती मैच से पहले कहा, ”खिलाड़ियों का खर्चा कम करने के लिए ‘क्राउड फंडिंग’ अहम हिस्सा है। खिलाड़ी भी योगदान करते हैं, हर खिलाड़ी वेल्स के लिए खेलने के लिए प्रत्येक वर्ष 1,000 पाउंड देता है।”
उन्होंने कहा, ”हॉकी हमारे यहां छोटा खेल है और हमारे राष्ट्रीय स्टेडियम में केवल 200 लोग ही बैठ सकते हैं, जो यहां (21,000 दर्शकों की क्षमता वाले बिरसा मुंडा स्टेडियम) से काफी अलग हैं।” कोच ने कहा, ”सरकार से मिलने वाली राशि काफी सीमित है, इसलिए खिलाड़ी भी योगदान करते हैं, लेकिन हाल में बड़े टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने की सफलता से हमें ज्यादा यात्रा करनी पड़ी और हमारी सरकार भी वास्तव में काफी मददगार रही है। हमारे पास अब शर्ट का प्रायोजक है और इससे खिलाड़ियों पर से खर्चा कम हो गया है।”