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अभियोग में ट्रंप पर खासतौर से उनके 6 जनवरी के भाषण के जरिए दंगा भड़काने या दंगाइयों के साथ साजिश रचने के आरोप नहीं लगाए गए हैं। अगर इन आरोपों में भी ट्रंप को दोषी ठहराया जाता है, इसके बावजूद वह 2024 का राष्ट्रपति चुनाव लड़ सकते हैं। वह रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार बनने की रेस में फिलहाल सबसे आगे हैं और अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में बाइडन को कड़ी टक्कर दे सकते हैं।
‘6 जनवरी का हमला देश के लोकतंत्र पर था’
अभियोग में छह साजिशकर्ताओं का जिक्र किया गया है लेकिन दस्तावेज़ में उनका नाम नहीं है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें आपराधिक आरोपों का सामना करना पड़ेगा या नहीं। अनुमान है कि इसमें ट्रंप के पूर्व निजी वकील रूडी गिउलिआनी, न्याय विभाग के पूर्व अधिकारी जेफरी क्लार्क और ट्रंप सहयोगी पूर्व वकील सिडनी पॉवेल शामिल हैं। जैक स्मिथ ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘6 जनवरी, 2021 को हमारे देश की संसद पर हमला अमेरिकी लोकतंत्र पर हमला था।’
ट्रंप ने आरोपों को बताया ‘राजनीति से प्रेरित’
उन्होंने कहा, ‘जैसा कि अभियोग में बताया गया है, यह सब झूठ से भरा हुआ था, प्रतिवादी के झूठ का लक्ष्य अमेरिकी सरकार के एक आधारभूत काम में बाधा डालना था- राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को इकट्ठा करने, गिनने और प्रमाणित करने की प्रक्रिया।’ ट्रंप की ओर से इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया गया है। वह गुरुवार शाम को कोर्ट में पेश होंगे। स्मिथ ने कहा कि उनका मकसद ‘जल्द से जल्द सुनवाई की मांग करना है ताकि हमारे सबूतों का अदालत में परीक्षण किया जा सके और ज्यूरी न्याय कर सके।’
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