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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता अजित पवार बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के तहत फिर से महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बने हैं। वह पिछले 4 साल में तीसरी बार राज्य के उपमुख्यमंत्री पद पर काबिज हुए हैं। एक तरफ जहां एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया, वहीं छगन भुजबल, प्रफुल्ल पटेल, दिलीप वाल्से-पाटिल, हसन मुश्रीफ और धनंजय मुंडे भी मंत्रिमंडल में शामिल हुए। इससे पहले अजित पवार 29 विधायकों के साथ राजभवन गए थे। सूत्रों ने बताया कि पटना में हाल में हुई विपक्ष की बैठक में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले की मौजूदगी से अजित पवार और उनके समर्थक खफा थे।
महाराष्ट्र के इस सियासी घटनाक्रम के कई मायने निकाले जा रहे हैं। माना जा रहा है कि अजित पवार का महाराष्ट्र की सरकार में शामिल होने से बीजेपी के सामने एकनाथ शिंदे की तोल-मोल करने की क्षमता कम हो जाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि भाजपा के पास अब विकल्प के तौर पर अजित पवार आ चुके हैं। अब बीजेपी अपनी जरूरत के हिसाब से एकनाथ शिंदे या फिर अजित पवार के साथ आगे बढ़ सकती है। हालांकि, मौजूदा स्थिति में दोनों को लेकर साथ चलने का ही प्रयास होगा मगर सियासी तस्वीर बदल भी सकती है। इस ट्रिपल इंजन गवर्नमेंट की असली परीक्षा 2024 में सीटों के बंटवारे के दौरान होगी।
स्वतंत्र ताकत दिखाने की कोशिश में जुटे शिंदे
ध्यान रहे कि महाराष्ट्र में भले ही सत्ता की अगुवाई एकनाथ शिंदे के पास हो, मगर असली बॉस तो भाजपा ही है। हालांकि, मुख्यमंत्री बनने के बाद शिंदे ने भी अपनी स्वतंत्र ताकत दिखाने की कोशिश की है। वह भाजपा के आभामंडल से निकलकर अपनी निजी छवि बनाने में लगे हुए हैं। अगर शिंदे टॉप रहते हुए लंबी पारी की राजनीति करना चाहते हैं तो यह उनके लिए मुफीद भी है। शिंदे और उनके नेता इस तरह के संकेत भी देते रहे हैं। शिंदे गुट के सांसद गजानन कीर्तिकर ने हाल ही में कहा था कि 2024 के लोकसभा चुनाव में शिंदे गुट वाली शिवसेना 22 सीटों पर ताल ठोंकेगी।
2024 में सीट बंटवारे को लेकर होगी रस्साकशी?
महाराष्ट्र में लोकसभा की कुल 48 सीटें हैं। ऐसे में यह राज्य 2024 के चुनाव के लिहाज से बीजेपी के लिए काफी अहम हो जाता है। 2014 से ही महाराष्ट्र में भाजपा का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा है। 2014 में बीजेपी और उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना ने 48 में से 41 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद, 2019 में भी भाजपा और उद्धव वाली सेना ने 41 सीटें जीतीं। इन दोनों ही चुनावों में बीजेपी ने अकेले 23-23 सीटें जीती थीं। निश्चित तौर पर भाजपा आलाकमान 2024 में इससे भी बेहतर प्रदर्शन करना चाहेगी।
अजित पवार के डिप्टी CM बनने पर क्या बोले शिंदे
एकनाथ शिंदे ने अजित पवार के उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद कहा कि राज्य अब एक मुख्यमंत्री और 2 उप मुख्यमंत्रियों के साथ विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ेगा। अजित पवार के बारे में शिंदे ने कहा, ‘विकास की राजनीति का विकास पुरुष की ओर से समर्थन किया जा रहा है। जब एक काबिल पार्टी कार्यकर्ता को दोयम दर्जे की भूमिका मिलती है, तो ऐसी चीजें होती हैं।’ शिंदे ने कहा कि अब डबल इंजन की सरकार ट्रिपल इंजन की हो गई है। अब राज्य विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ेगा। अब हमारे पास एक मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री हैं। इससे राज्य का तेजी से विकास करने में मदद मिलेगी।